बुधवार 15 अक्तूबर 2025 - 15:11
दुनिया की असल लड़ाई मुंजी ए बशरयत और वैश्विक नेतृत्व पर हैः हुज्जतुल इस्लाम ताहेरी आकरदी

हौज़ा / अम्र बिल मारूफ व नही अनिल मुनकर कार्यालय के प्रमुख हुज्जतुल इस्लाम मोहम्मद हुसैन ताहेरी आकरदी ने कहा कि दुनिया के सभी राजनीतिक और आर्थिक संकट वास्तव में एक मौलिक विश्वास संघर्ष की शाखाएं हैं, और वह यह है कि मानवता का वास्तविक मुक्तिदाता और शासक कौन है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , अम्र बिल मारूफ व नही अनिल मुनकर कार्यालय के प्रमुख हुज्जतुल इस्लाम मोहम्मद हुसैन ताहेरी आकरदी ने कहा कि दुनिया के सभी राजनीतिक और आर्थिक संकट वास्तव में एक मौलिक विश्वास संघर्ष की शाखाएं हैं और वह यह है कि मानवता का वास्तविक मुक्तिदाता और शासक कौन है।

मशहद में आयोजित "वैश्विक ज़ायोनीवाद और मेंहदवी शिक्षाओं से इसकी तुलना" विषयक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान वैश्विक संघर्ष केवल राजनीतिक या आर्थिक नहीं है बल्कि वास्तव में एक बौद्धिक और विश्वास का टकराव है।

उनके अनुसार, वैश्विक ज़ायोनीवाद ने मनुष्य और प्रकृति की अवधारणा को विकृत करके महदवी विचारधारा के खिलाफ एक सुनियोजित वैचारिक युद्ध छेड़ रखा है।

हुज्जतुल इस्लाम ताहेरी आकरदी ने कहा कि इक्कीसवीं सदी धर्मों की सदी है जहाँ वास्तविक संघर्ष इस सवाल पर छिड़ा हुआ है कि दुनिया की नेतृत्व ईश्वरीय व्यवस्था के हाथों में होगी या मानवतावादी पश्चिमी व्यवस्था के कब्जे में।

उन्होंने स्पष्ट किया कि फ्रीमेसनरी और आधुनिक मानवतावाद, कुरान की व्याख्या में "हिज़्बुश शैतान" (शैतान की पार्टी) हैं, जो शैतान को दोस्त और ईश्वर को दुश्मन दिखाकर महदवी विचारधारा के विरोध में खड़े हैं। उनके अनुसार, अमेरिका की दोनों बड़ी पार्टियां - डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन वास्तव में ज़ायोनी और फ्रीमेसन विचारधारा का प्रतिनिधित्व करती हैं, जिनकी जड़ें ईसाई ज़ायोनीवाद में हैं।

उन्होंने कहा कि वर्तमान इज़राइल एक धार्मिक और राजनीतिक परियोजना का सतही चेहरा है, जबकि इसके असली फैसले अमेरिका के बौद्धिक और धार्मिक केंद्रों में होते हैं आज फिलिस्तीन, लेबनान, इराक और अफगानिस्तीन सहित दुनिया भर में हो रहे युद्ध इसी विश्वास संघर्ष का सिलसिला हैं।

हुज्जतुल इस्लाम ताहेरी आकरदी ने आगे कहा कि ज़ायोनी आंदोलन केवल एक राजनीतिक परियोजना नहीं बल्कि एक आस्था और विश्वास है, जिसने धर्म और शक्ति को एक साथ जोड़कर दुनिया पर शासन का सिद्धांत स्थापित किया है। उनके अनुसार, इस व्यवस्था के मुकाबले में केवल वही राष्ट्र सफल हो सकता है जो महदवी विचारधारा और ईश्वरीय नेतृत्व में विश्वास रखता हो।

अंत में उन्होंने कहा कि दुनिया एक महान बौद्धिक क्रांति के मुहाने पर खड़ी है, और गाज़ा, लेबनान और ईरान में जो कुछ घटित हो रहा है, वह उसी ईश्वरीय वादे की भूमिका है जिसके तहत मेंहदवी न्याय शीघ्र ही पूरी दुनिया पर विजयी होगा।

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